विभाग के बारे में

कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीएआरई) की स्थापना कृषि मंत्रालय में दिसंबर, 1973 में की गई थी।

डीएआरई देश में कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा का समन्वय और संवर्धन करता है। इसके प्रशासनिक नियंत्रण में निम्नलिखित छह संगठन (1 संबद्ध कार्यालय, 4 स्वायत्त निकाय और 1 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम) हैं:

  • कृषि वैज्ञानिक भर्ती बोर्ड (एएसआरबी), नई दिल्ली
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली
  • केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू), इम्फाल, मणिपुर
  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरपीसीएयू), समस्तीपुर, पूसा, बिहार
  • रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरएलबीसीएयू), झांसी, उत्तर प्रदेश
  • मेसर्स एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड (एजीआईएन), नई दिल्ली

डीएआरई भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के लिए आवश्यक सरकारी संपर्क प्रदान करता है, जो पूरे देश में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिए प्रमुख अनुसंधान संगठन है। देश भर में फैले 113 संस्थानों और 74 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ आईसीएआर दुनिया की सबसे बड़ी राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रणालियों में से एक है।

आईसीएआर के अलावा डीएआरई के पास तीन और वैधानिक स्वायत्त निकाय हैं। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू), इम्फाल, मणिपुर; डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (डीआरपीसीएयू), समस्तीपुर, पूसा, बिहार और रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (आरएलबीसीएयू), झांसी, उत्तर प्रदेश और एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यम (सीपीएसई) यानी मेसर्स एग्रीनोवेट इंडिया लिमिटेड (एजीआईएन), नई दिल्ली इसके प्रशासनिक नियंत्रण में हैं। केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू) पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित हैं।

डेयर भारत में कृषि अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए नोडल एजेंसी है। विभाग कृषि अनुसंधान के विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग के लिए विदेशी सरकारों, संयुक्त राष्ट्र, सीजीआईएआर और अन्य बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ संपर्क करता है। डेयर विभिन्न भारतीय कृषि विश्वविद्यालयों/आईसीएआर संस्थानों में विदेशी छात्रों के प्रवेश का समन्वय भी करता है।