अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बारे में

कृषि‍ अनुसंधान एवं शि‍क्षा विभाग (डेयर) में अंतरराष्ट्रीय सहयोग मुख्‍यालय विभिन्न देशों/संयुक्त राष्ट्र निकायों/अंतरराष्ट्रीय संगठनों/विदेशी विश्वविद्यालयों और कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों  में अनुसंधान एवं शिक्षा के अन्य संस्थानों के साथ किए गए समझौते ज्ञापनों/कार्य योजनाओं के माध्यम से संचालित होता है। इस प्रकार का अंतरराष्ट्रीय सहयोग सामान्यत: द्विपक्षीय स्वरूप का होता है जिसमें समझौता ज्ञापन भारत सरकार (डेयर द्वारा प्रतिनिधि‍त्‍व) और अन्‍य देश की सरकार (कृषि पर कार्य करने वाले उनके विभाग द्वारा प्रतिनिधि‍त्‍व) के बीच होते हैं या फिर आइसीएआर और अन्‍य विदेशी स्वायत्त निकाय/संस्थान/विश्वविद्यालय या राज्‍य/राज्‍य कृषि‍ विश्‍वविद्यालय(एसएयूएस)/विदेशी पक्षों संगठनों वाले अन्य विभागों या संस्थानों के बीच होते हैं। डेयर और आईसीएआर भारत सरकार के अन्य मंत्रालयों/विभागों द्वारा हस्ताक्षरित संयुक्त कार्य समूह (जेडब्‍ल्‍यूजी), समझौता ज्ञापन (एमओयू>) कार्य योजनाओं समेत संस्थागत तंत्रों में भी भाग लेते हैं।

उपर्युक्त द्विपक्षीय सहयोग के अलावा डेयर-आइसीएआर संयुक्त राष्ट्र आईबीएसए, ब्रिक्सा सार्क, आसियान बिम्‍सटेक, जी-20 आदि के बहुपक्षीय सहयोग में भी भाग लेते है। डेयर-आइसीएआर अंतरराष्ट्रीय कृषि अनुसंधान संस्थानों जैसे सीजी केन्‍द्रों, सीएबीआई एनएसीए, एपीएएआरआई आईएसटीए, आईएसएचएस आदि के साथ सक्रिय सहयोग करता है। डेयर कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सीजीआईएआर, एपीएएआरआई एनएसीए, सीएबीआई आईएसटीए, सीएसएएम (यूएनईएससीएपी) जैसी अंतरराष्‍ट्रीय संस्थाओं को वित्तीय सहायता भी देता है।

उपर्युक्त तरीकों के अलावा विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी विभिन्न देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग कार्यक्रम विकसित किए हैं जिनमें कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में डेयर-आइसीएआर प्रतिभागी एजेंसी हैं। विदेश मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय द्वारा गठित संयुक्त आयोगों/कार्य समूहों में कृषि अनुसंधान का घटक होता है, जिसमें डेयर-आइसीएआर सीधे या कृषि एवं किसाल कल्‍याण विभाग के माध्यम से भाग लेते हैं।

चूंकि डेयर का दायित्‍व कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षा से संबंधि‍त है अत: समझौता ज्ञापनों और कार्य योजनाओं में वैज्ञानिकों के अध्ययन दौरों और प्रशिक्षण साहित्य के आदान-प्रदान, जर्मप्लाज्म के आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से कृषि अनुसंधान और शिक्षा जैसे क्षेत्रों को शामिल किया जाता है।

डेयर और आईसीएआर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर पर गुणवत्तापूर्ण और किफायती कृषि शिक्षा के साथ-साथ विशि‍ष्‍ट क्षेत्रों में आवश्यकता-आधारित अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी प्रदान करते हैं। कृषि विज्ञान के उभरते क्षेत्रों में अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार गतिविधियों को शुरू करने के लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन विकसित करने हेतु अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। यह प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (कोर्स) विभिन्न आईसीएआर संस्थानों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में आयोजित किए जाते हैं।, कृषि अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भारत में अंतरराष्‍ट्रीय सम्मेलन कार्यशाला, संगोष्ठी आदि आयोजित करने के लिए आईसीएआर, सीएयू और एसएयू को अनुमति देने वाला नोडल विभाग है।

द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के तहत उपर्युक्त गतिविधियों के माध्यम से भारत को ज्ञान साझा करने और विभिन्न देशों में प्रौद्योगिकी के नवीनतम विकास के समग्र अनुभव प्राप्त करने का लाभ होता है। फिर इनका विश्लेषण किया जाता है और हमारी स्थितियों और आवश्यकताओं के अनुरूप अपेक्षित संशोधनों के साथ भारतीय कृषि परिदृश्य में इन्‍हें अपनाया जाता है।