सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) ने अगत्ती द्वीप, लक्षद्वीप में समुद्री आभूषणों के लिए भाकृअनुप-एनबीएफजीआर जर्मप्लाज्म संसाधन केंद्र का दौरा किया
17, अप्रैल,2022,अगत्ती द्वीप
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज यहां जनजातीय उप योजना के तहत भाकृअनुप-राष्ट्रीय मात्स्यिकी आनुवंशिक संसाधन कार्यक्रम ब्यूरो के एक भाग के रूप में स्थापित इनक्यूबेशन और प्रशिक्षण सुविधा का उद्घाटन किया। महानिदेशक, अगत्ती द्वीप पर समुद्री सजावटी अकशेरुकी जीवों के लिए उत्तर प्रदेश की लाइव जर्मप्लाज्म संसाधन सुविधा, भाकृअनुप-राष्ट्रीय मात्स्यिकी आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ के दौरे पर थे।
डॉ. महापात्र ने दो सामुदायिक जलीय कृषि इकाइयों के प्रतिनिधियों को बीज वितरित करके सजावटी चिंराट पालन के लिए दो नई लाभकारी इकाइयों - हार्लेक्विन और हिस्पिडस का भी शुभारंभ किया। महानिदेशक ने लाभार्थियों के साथ बातचीत करते हुए महिला सशक्तिकरण और किसानों की आय को दोगुना करने के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. महापात्र ने नीली अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए, संतुलित पोषण, जैव-संसाधन और जैव-अर्थव्यवस्था के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. जॉयकृष्ण जेना, उप महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान), भाकृअनुप ने जोर देकर कहा कि यह कार्यक्रम लक्षद्वीप के द्वीप समुदाय के लिए स्वदेशी प्रजातियों के उपयोग के माध्यम से स्वरोजगार पैदा करने और आजीविका को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
श्री के. बुजर जमहर, डिप्टी कलेक्टर, अगत्ती ने स्थानीय महिलाओं को भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के मार्गदर्शन में सक्रिय कार्य करने के लिए प्रोत्साहित किया।
इससे पूर्व, गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए डॉ. कुलदीप के. लाल, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ ने स्थानीय महिलाओं के सामाजिक उत्थान से जुड़ी वैज्ञानिक गतिविधियों को रेखांकित किया।
वर्तमान में, 25 महिलाएं भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, लखनऊ की देखरेख में बच्चों के सजावटी झींगा पालन में सक्रिय रूप से शामिल हैं।
इस अवसर पर समुद्री सजावटी झींगा में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली 60 से अधिक महिला प्रतिभागी भी उपस्थित थीं।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मात्स्यिकी आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ, उत्तर प्रदेश)