भाषायी व मजहबी विविधता हमारे लोकतंत्र की बड़ी ताकत है – श्री तोमर
श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में 5 जनवरी, 2021, नई दिल्ली को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की संयुक्त हिंदी सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
श्री तोमर ने कहा कि योजनाओं, कार्यक्रमों तथा कृषि में हो रहे नित नए अनुसंधानों को राजभाषा के माध्यम से देश के सभी किसानों तक पहुँचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सुदूर गाँव के किसान भी लाभ की स्थिति में होंगे। मंत्री ने कहा कि राजभाषा हिंदी के प्रति हम सब के मन में सम्मान है और इस बात की महती आवश्यकता है कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक यह सम्मान निरंतर बढ़े।
श्री तोमर ने कहा कि भाषायी व मजहबी विविधता हमारे लोकतंत्र की बड़ी ताकत व एकता की परिचायक है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार का कामकाज अधिक-से-अधिक हिंदी में होना चाहिए। कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग में बनाए जा रहे सरल हिंदी शब्द कोष का कार्य समय-सीमा में पूरा करने का दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ किसानों के लिए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा हिंदी में किए जा रहे कार्यों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्रियान्वयन की गति निरंतर बढ़ते रहना चाहिए।
श्री परशोत्तम रूपाला, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि सरल हिंदी के उपयोग तथा अनुपालन से राष्ट्रभाषा का गौरव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रभाषा के माध्यम से देशभक्ति के भाव प्रबल होते हैं।
श्री कैलाश चौधरी, कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि देश के अधिकांश राज्यों में हिंदी बोली व समझी जाती है, ऐसे में किसानों को सारी जानकारी हिंदी में मिलेगी तो उन्हें आसानी होगी।
समिति के सदस्य सांसद श्रीमती सुनीता दुग्गल, डा. रामबोध पांडे व श्री विजय कुमार सहित श्री संजय अग्रवाल, सचिव, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार और डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) ने भी अपना विचार रखा।