श्री नरेंद्र मोदी ने किया डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक सुविधाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास
जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान जब एक साथ एक मंच पर मिलकर काम करेंगे तो कृषि क्षेत्र में उन्नत बदलाव संभव हो पाएगा: प्रधानमंत्री
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, बिहार के नवनिर्मित कृषि व्यवसाय एवं ग्रामीण प्रबंधन संस्थान का डिजिटल उद़़घाटन किया जो सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। साथ ही विश्वविद्यालय स्थित अंतर्राष्ट्रीय अतिथि गृह, छात्रावास एवं खेल स्टेडियम का शिलान्यास भी किया । उन्होंने आज वीडियो कॉन्फेंसिୣग के जरिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना,(पीएमएमएसवाई) तथा ई-गोपाला एप्प का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त की कि बिहार राज्य में कृषि तकनीकी के साथ-साथ कृषि व्यवसाय एवं ग्रामीण प्रबंधन शिक्षा का भी विस्तार हो रहा है। गोवंश वृदिध, मत्स्य उत्पादन, उद्यान एवं वानिकी में अनुसंधान एवं विकास के लिए संस्थानों की शुरूआत हुई है। नई सदी के लिए, देश के गांवों में खाद्य प्रसंस्करण, अनुसंधान एवं उद्योगों की स्थापना से आत्मनिर्भरता आएगी । जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान की ताकत एक साथ आएगी तो ग्रामीण जीवन में बदलाव आएगा। बिहार की लीची, जर्दालू आम, मखाना एवं मधुबनी पेंटिग आदि से जिलों की पहचान बढेगी।
प्रधानमंत्री ने इस बात पर बल दिया कि पशुपालन, डेयरी व मत्स्य पालन को नए आयाम दिये जाने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान एवं तकनीकियों का प्रयोग आवश्यक है ताकि किसानों को इसका लाभ मिल सके। साथ ही बाढ़ पीड़ित इलाकों के लिए महात्मा गांधी समेकित कृषि अनुसंधान संस्थान, मोतिहारी द्वारा विकसित कृषि मॉडलों का प्रसार किया जाना चाहिए । उन्होंने पशुधन की गुणवत्ता एवं देखभाल के लिए किसानों को शीघ्र वैज्ञानिक सूचना प्रदान किए जाने पर भी जोर दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतिश कुमार जी ने अपने संबोधन भाषण में मत्स्य पालकों की आय को दुगुना करने के प्रयासों के बारे में जानकारी दी। श्री गिरिराज सिंह, केन्द्रीय मात्स्यिकी, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में मत्स्य पालन के क्षेत्र में अभूतपूर्व वृदिध हुई है। मत्स्य संपदा से कई लोगों को रोजगार भी मिलेगा । बिहार के उप-मुख्यमंत्री श्री सुशील मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार सरकार मत्स्य शिक्षा की तरफ छात्रों को आकर्षित करने का प्रयास कर रही है।