भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर में दीक्षान्त समारोह आयोजित

23 अगस्त, 2022, बरेली

भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जतनगर में आज दीक्षान्त समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, भारत सरकार; श्री कैलाश चैधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार; श्री संतोष कुमार गंगवार, लोकसभा सदस्य, बरेली; भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप-महानिदेशक (पशु विज्ञान), डा. भूपेन्द्र नाथ त्रिपाठी तथा संस्थान के निदेशक, डा. त्रिवेणी दत्त की गरिमामयी उपस्थिति में उपाधियां एवं पुरस्कार प्रदान किये गए।

इस अवसर पर संस्थान द्वारा विकसित 03 प्रौद्योगिकियों का विमोचन भी इस दीक्षांत समारोह में किया गया। यहां, डा. महेन्द्र पाल यादव, पूर्व निदेशक आईवीआरआई एवं पूर्व कुलपति सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ; डा. कमल मल्ल बुजरबरूआ, पूर्व महानिदेशक (पशु विज्ञान), नई दिल्ली एवं पूर्व कुलपति, आसाम कृषि विश्वविद्यालय गुवाहाटी तथा डा. अनिल कुमार श्रीवास्तव, कुलपति, उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशुचिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान संस्थान, मथुरा को आईवीआरआई सम विश्वविद्यालय की विज्ञान-वारिधि (मानद्) उपाधि से सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि, केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने अपने भाषण में मेधावी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि युवाओं के विकास में शिक्षण संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, श्रेष्ठ विद्या प्राप्त करके विद्यार्थियों को गौरव का अनुभव होता है। श्री तोमर ने प्रकृति व पशुओं का रिश्ता अटूट बताते हुए कहा कि मनुष्यों के साथ-साथ पशुधन एवं पक्षीधन की देखभाल व उनके स्वास्थ्य की चिंता करना भी हमारा कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि पशुओं का अपार महत्व है, इसलिए पशुओं को हम पशुधन कहकर ही संबोधित करते हैं। भारत में कुल पशुधन आबादी 535.78 मिलियन व पक्षीधन की संख्या 851.18 मिलियन है, लगभग इतनी ही हमारी जनसंख्या भी है। देश की पशुधन संपदा न केवल संख्यात्मक अपितु आनुवंशिक विविधता की दृष्टि से भी काफी समृद्ध है।

कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र की पूर्णता पशुपालन, मधुमक्खीपालन, मत्स्यपालन सहित अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों के साथ ही होती है। कृषि के साथ-साथ देश की विकास के लिए पशुपालन सहित सम्बद्ध क्षेत्रों में जिम्मेदारी से काम करना होता है। उन्होंने कहा कि पशुओं की नस्ल सुधरें, वे निरोगी रहें, यह आज समय की मांग है, दुधारू पशुओं में रोग होने पर मानवजाति भी प्रभावित होते हैं। श्री तोमर ने कहा पशुपालन क्षेत्र के महत्व के मद्देनजर प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत पशुपालन अवसंरचना कोष में 15 हजार करोड़ रुपये के विशेष पैकेज का प्रावधान किया है। कृषि मंत्री ने बताया कि पशुओं को लम्पी स्किन रोग से बचाव हेतु हाल ही में स्वदेशी वैक्सीन (लम्पी- प्रो वैक-इंड) लांच की गई है।

विशिष्ट अतिथि, श्री कैलाश चौधरी, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, भारत सरकार ने अपने सम्बोधन में सभी छात्र-छात्राओं को अपने शिक्षण एवं शोध कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने का आह्वान किया। उन्होंने छात्रों को उपाधियाँ, पदक व पुरस्कार अर्जित प्राप्त करने के लिए हार्दिक बधाई दी। श्री चौधरी ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में भारतीय पशुधन क्षेत्र, कृषि के सबसे तेजी से बढ़ते उप-क्षेत्रों के रूप में उभरा है। जिसको देखते हुए, केंद्र और राज्य की सरकारों ने पशुधन क्षेत्र की नीतियों और कार्यक्रमों को फिर से आकार देने, विकास के अधिक समावेशी रूप को बढ़ावा देने और पशुधन क्षेत्र के विकास की गति को बढ़ाने एवं इसकी पूर्ण क्षमता का उपयोग करने की दृढ़ इच्छा दिखाई है।

कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत खुरपका-मुंहपका, बुसेलोसिस, शूकर ज्वर, और बकरी महामारी रोगों के टीकों की गुणवत्ता परीक्षण में भी यह संस्थान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि 85 प्रतिशत छात्र जो इस क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं वह कृषक परिवार से जुड़े़ हैं। श्री चौधरी ने वैज्ञानिकों का आव्हान करते हुए कहा कि पशुओं की अन्य बीमारियों को भी उन्मूलन करें ताकि हम भारत के पशुधन क्षेत्र को शीर्ष पर ले जा सकें और प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय को दोगुना करने के सपने को पूरा करने के लिए कृत संकल्प हों।

बरेली जनपद के लोकसभा सांसद, श्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि पूरे विश्व में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की शोध एवं नैदानिक के क्षेत्रों में विशेष पहचान है। उन्होंने कहा कि कृषि विकास के माध्यम से ग्रामीण लोगों की समस्याओं के समाधान के बिना आर्थिक सुधारों के बारे में सोचना मुश्किल है। श्री कुमार ने कहा कि कृषि एवं पशुपालन सीधे तौर पर हमारी ग्रामीण आबादी की जीवन शैली को प्रभावित करती है, देश में आज फसल उत्पादन के साथ-साथ पशुधन, कुक्कुट व मत्स्य पालन को समाहित करते हुए कृषि उत्पादन, खाद्य संरक्षण, प्रसंस्करण व वितरण प्रणालियों के विकास एवं प्रसार की आवश्यकता है।

संस्थान के निदेशक, डा. त्रिवेणी दत्त ने केन्द्रीय कृषि मंत्री एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री तथा उपस्थित अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए बताया कि वर्तमान दीक्षान्त समारोह में संस्थान द्वारा कुल 942 उपाधियाँ एवं 78 पुरस्कार (349 उपाधियाँ एवं 48 पुरस्कार उपस्थिति में तथा 581 अनुपस्थिति में) छात्रों को प्रदान किये गये।

डा. दत्त ने कहा कि किसानों की आमदनी को दोगुना करने हेतु, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम की शुरूआत की, जिसके अन्तर्गत 2025 तक पशुओं में खुरपका, मुंहपका तथा ब्रूसेलोसिस रोग का नियंत्रण और 2030 में खुरपका, मुंहपका रोग का उन्मूलन तथा पीपीआर एवं सूकर रोगों को नियंत्रण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा इस संस्थान को टीको के विकास एवं इनकी गुणवत्ता परीक्षण का एक महत्वपूर्ण कार्य सौंपा है।

उन्होंने कहा कि संस्थान द्वारा विकसित बकरी चेचक, पीपीआर एवं सूकर ज्वर वैक्सीन के निरन्तर उपयोग से देश को 8500 करोड़ रूपये की वार्षिक बचत हो रही है। गतवर्ष संस्थान ने 7 प्रोद्योगिकियों को जारी किया जिसमें लम्पी स्किन रोग एवं डक फ्लेग का टीका मुख्य है। साथ ही संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को चरणबद्ध एवं समयबद्ध तरीके से लागू करने हेतु प्रतिबद्ध है।

इस अवसर पर, आई.बी.आर. वैक्सीन (डा. प्रवीण कुमार गुप्ता, डा. सचिन एस. पवार, डा. मोहिनी सैनी, डा. विकास आर. प्रूस्टी एवं डा. बी.पी. मिश्रा) तथा जे.ई. वैक्सीन (डा. बीना, डा. वी. ममता पाठक, डा. तरणी दास, डा. के.के. रजक, डा. जेड. बी. दुबल, डा. आर.के. सिंह तथा डा. जी. साईकुमार) द्वारा विकसित 03 प्रौद्योगिकियों का विमोचन भी किया गया।

इसके अतिरिक्त, ऑनलाइन ‘वेट क्लीनिक’ के, डॉ. रूपसी तिवारी, डॉ. अनुज चैहान, डॉ. उज्जवल डे, डॉ. बृजेश कुमार, सुश्री सुबिशा सी के साथ-साथ भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सुदीप मारवाह, श्री संजीव कुमार, श्री समीर श्रीवास्तव, श्री केशव कांत भी उपस्थित थे।

दीक्षांत समारोह में, बरेली जनपद के विधायकगण, महापौर बरेली, अघ्यक्ष जिला पंचायत बरेली, श्रीमती रश्मि पटेल जी, आईवीआरआई के प्रबन्धन मण्डल एवं शैक्षणिक परिषद के सदस्यगण, क्यूआरटी एवं आरएसी के सदस्य, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, संस्थान के पूर्व निदेशकगण, पशु विज्ञान संस्थानों के निदेशकगण, संस्थान के सभी संयुक्त निदेशक, संकाय सदस्य, सेवानिवृत्त वैज्ञानिक, छात्र एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

(स्रोतः भाकृअनुप-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली)