भाकृअनुप-केपसरेअनुसं, बैरकपुर में राष्ट्रीय स्तर के हिंदी भाषा महोत्सव एवं संगोष्ठी का उद्घाटन

24  अगस्त, 2022, बैरकपुर

भाकृअनुप-केंद्रीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान (ICAR-CRIJAF), बैरकपुर में 24 अगस्त, 2022 को दो दिवसीय राष्ट्रीय स्तर के भाषा महोत्सव और हिंदी संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया। इसका आयोजन, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) के विभिन्न संस्थानों / निदेशालयों / ब्यूरो आदि में कार्यरत राजभाषा से जुड़े अधिकारियों / कर्मचारियों के लिए किया गया है। इस संगोष्ठी का विषय "स्वतंत्रता के 75 वर्ष और राजभाषा हिंदी का विकास" था।

उद्घाटन कार्यक्रम में, श्री अजय ठाकुर, आईपीएस, पुलिस आयुक्त, बैरकपु; मुख्य अतिथि, श्री ए के जॉली, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, भारतीय पटसन निगम; तथा श्रीमती सीमा चोपड़ा, निदेशक (राजभाषा), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली उद्घाटन सत्र में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता, डॉ. गौरांग कर, निदेशक, भाकृअनुप-क्रिजैफ, बैरकपुर द्वारा की गई। उन्होंने सभी गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया और भारत सरकार की आधिकारिक गतिविधियों के हर क्षेत्र में हिंदी को राजभाषा के रूप में लोकप्रिय बनाने के लिए इस राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के महत्व के बारे में बताया। इस मंच पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने राजभाषा के रूप में हिन्दी के महत्व के बारे में बताया और सरकारी पत्राचार के लिए इसे जनभाषा बनाने पर जोर दिया। डॉ. कर ने राजभाषा हिन्दी का वैज्ञानिक गतिविधियों में प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने प्रतिभागियों के उत्साह वर्धन हेतु, संस्थान द्वारा राजभाषा के क्षेत्र में किए गए कार्यो के लिए मुख्यालय, नई दिल्ली से प्राप्त दो पुरस्कारो के संबंध में भी चर्चा की।

श्री अजय कुमार ठाकुर, पुलिस आयुक्त एवं मुख्य अतिथि ने हिन्दी को भारतीय संस्कृति का मेरूदंढ बताया तथा उन्होंने बताया कि हिन्दी को हमें सभ्यता, संस्कृति तथा शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना चाहिए एवं सरकारी कार्यालय में इसका उपयोग करना चाहिए।

सम्मानीत अतिथि, श्री अजय कुमार जॉली,अध्यक्ष एवं निदेशक, भारतीय पटसन निगम ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही यह संगोष्ठी हिन्दी के प्रचार एवं प्रसार में सहायक सिद्ध होगी।

सम्मानीत अतिथि, श्रीमती सीमा चोपड़ा, ने इस कार्यशाला के महत्व के बारे में प्रतिभागियों से विचार साझा करते हुए संगोष्ठी की संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला के दौरान विभिन्न विषयों पर चर्चा की जाएगी, जो प्रतिभागियों को सरकारी तथा वैज्ञानिक कार्य में हिन्दी के प्रयोग के साथ-साथ उनके ज्ञान में वृद्धि करेगा।

श्री राजीव लाल, संयुक्त सचिव एवं वरिष्ठ कुलसचिव, भाकृअनुप-सीफा ने अपने सम्बोधन में भाकृअनुप में हिंदी में हो रहे कार्य के महत्व को बताया। अंत में, धन्यवाद प्रस्ताव के बाद उद्घाटन सत्र समाप्त हुआ।

इस दो दिवसीय कार्यक्रम में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों के लगभग 150 अधिकारियों / कर्मचारियों ने भाग लिया।

(स्रोतः भाकृअनुप-केंद्रीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)