भाकृअनुप ने अपना 94वां स्थापना दिवस और पुरस्कार समारोह 2022 का किया आयोजन
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 75000 किसानों की सफलता की कहानियों के संकलन का विमोचन किया जिन्होंने अपनी आय दोगुनी की है |
16 जुलाई, 2022, नई दिल्ली
"भारतीय कृषि अनुसंधान एवं पुरस्कार परिषद समारोह – 2022 " के 94वां स्थापना दिवस के उद्घाटन संबोधन में, श्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा, "कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रति किसानों का विश्वास बढ़ना वास्तव में परिषद के लिए गर्व की बात है”। इस कार्यक्रम का आयोजन आज राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केंद्र परिसर, नई दिल्ली में किया गया।
किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान के जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय/भाकृअनुप, राज्य सरकारों और किसानों के निरंतर प्रयासों द्वारा लाखों किसानों की आय दोगुनी से अधिक हुई है। भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में "भारत का अमृत महोत्सव" के एक भाग के रूप में, केंद्रीय मंत्री, श्री तोमर ने 75,000 ऐसे किसानों की सफलता की कहानियों का ई-संकलन जारी किया जिनकी आय दोगुनी से अधिक हुई है। उन्होंने इन सफल किसानों का राज्यवार सारांश भी जारी किया। श्री तोमर ने इस संकलन के लिए भाकृअनुप और कृषि विज्ञान केंद्रों को बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह संकलन किसानों को केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और पहलों से लाभान्वित होने तथा अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा एवं उन्हें गतिशीलता प्रदान करेगा। केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर देश के सफल किसानों से वर्चुअल माध्यम से बातचीत भी की।
श्री तोमर ने जोर देकर कहा कि, यद्यपि भारत ने विभिन्न फसलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल की है; फिर भी वैज्ञानिकों को समय के साथ आने वाली नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने परिषद के वैज्ञानिकों को अपने कार्य के प्रति समर्पण के लिए बधाई दी और कहा इनके सफल प्रयास ने देश को कृषि उत्पादन के विभिन्न मोर्चों पर आत्मनिर्भर बनाया है।
श्री तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से आग्रह किया कि, इस स्थापना दिवस को "संकल्प दिवस" के रूप में मनाया जाय। श्री तोमर ने भाकृअनुप के वैज्ञानिकों से सामान्य तौर पर कृषि क्षेत्र और विशेष रूप से किसानों के लाभ के लिए विभिन्न लक्ष्य / सीमा निर्धारित करने और आने वाले वर्ष के दौरान इसे "संकल्प" के रूप में पूरा करने का आह्वान किया।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, श्री परशोत्तम रूपाला ने परिषद से अब तक अपने अर्जित विभिन्न उपलब्धियों के संकलन एवं दस्तावेजीकरण के लिए कमर कसने और उस पर काम करने का आग्रह किया। केंद्रीय मंत्री ने परिषद के कस्टम हायरिंग सेंटरों के माध्यम से किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर बल दिया। श्री रूपाला ने परिषद को सुझाव दिया कि किसानों की आय को दोगुना करने की सफलता की कहानियों को विभिन्न कृषक समुदायों तक पहुँचाया जाए, जिससे उन्हें भी इसे प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
विशिष्ट अतिथि, श्री कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन मील का पत्थर साबित हुआ हैं, जो किसानों को अपने उत्पादों को बेहतर कीमतों एवं बड़े पैमाने पर बेचने में सक्षम बनाया हैं। मंत्री ने कहा कि परिषद और उसके वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत ने वृहद पैमाने पर किसानों की आय को दोगुना किया है जैसा कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की थी। उन्होंने किसानों द्वारा ड्रोन प्रौद्योगिकी के सही उपयोग पर भी जोर दिया, जिससे किसान समुदाय को बड़े पैमाने पर मदद मिली है। अपने संबोधन में श्री चौधरी द्वारा कृषक समुदाय को प्राकृतिक खेती की ओर आकर्षित करने पर जोर दिया गया।
प्रो. रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग द्वारा कृषि एवं कृषक समुदायों के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकियों के विकास में परिषद द्वारा हासिल की गई विभिन्न उपलब्धियों की सराहना की गई।
इस वर्ष, व्यक्तिगत कर्मचारियों और टीमों को प्रोत्साहित करने और नौकरी से संतुष्टि के अपने स्तर में सुधार के अलावा उन्हें अधिक कुशल, उत्तरदायी और उत्पादक बनाने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए, संगठनों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए, केंद्रीय मंत्री ने 4 प्रमुख श्रेणियों में 15 पुरस्कार प्रदान किए। इन श्रेणियों में, कृषि संस्थानों के लिए उत्कृष्टता का राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, कृषि प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और किसानों द्वारा नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार शामिल हैं।
इस वर्ष, भाकृअनुप ने 15 विभिन्न पुरस्कारों के तहत 92 पुरस्कार विजेताओं का चयन किया, जिनमें 4 संस्थान, 1 अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना, 4 कृषि विज्ञान केंद्र, 67 वैज्ञानिकों और 11 किसान जिनमें 8 महिला वैज्ञानिक एवं किसान शामिल थे।
इस अवसर पर, मुख्य अतिथि और गणमान्य व्यक्तियों ने विभिन्न भाकृअनुप प्रकाशनों एवं प्रौद्योगिकियों का विमोचन किया।
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) ने पिछले वर्ष के दौरान परिषद की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में, मंत्रियों/संसद सदस्यों, भाकृअनुप शासी निकाय के सदस्य, भाकृअनुप मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों, भाकृअनुप संस्थानों के निदेशकों, वैज्ञानिकों और राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि ज्ञान प्रबंधन निदेशालय, नई दिल्ली)