केन्द्रीय कृषि मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर द्वारा केवीके, वल्लभनगर के नव निर्मित भवन का लोकार्पण

भारत की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए किसान की समृद्धि आवश्यक - श्री तोमर

21जनवरी, 2023 उदयपुर

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने सियाखेड़ी, वल्लभनगर में स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र (केवीके) के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण के अवसर पर किसान सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बहुत ही गर्व एवं सम्मान का विषय है कि देश की अर्थव्यवस्था को संभालने में हमारे किसान भाइयों की महती भूमिका रही है। हमारा देश कृषि प्रधान देश रहा है और कोविड विपदा के समय किसानों ने अपनी मेहनत और लगन से देश को संभाल कर यह सिद्ध भी किया है। देश की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए हमारे किसान भाइयों की समृद्धि एवं गांव में खुशहाली जरूरी है, इसी को देखते हुए हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी ने किसान विकास के लिए अनेकों योजनाएं प्रारंभ की है जिनका लाभ धरातल पर महसूस किया जा सकता है।

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केन्द्रीय मंत्री ने क्षेत्र के किसानों एवं विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई देते हुए आशा व्यक्त की कि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अंतर्गत वल्लभनगर का नवनिर्मित कृषि विज्ञान केन्द्र भवन की सुविधा तथा इसके द्वारा प्रदान किए जाने वाले नवीन संसाधनों एवं नए नए कृषि ज्ञान के माध्यम से क्षेत्र के किसानों और ग्रामीणों को समृद्ध बनाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार 713 कृषि विज्ञान केन्द्रों, 74 कृषि विश्वविद्यालयों, तीन केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालयों और 100 से अधिक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अग्रणी संस्थानों के माध्यम से देश के कृषि विकास, कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार में अपना योगदान दे रही है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री, श्री कैलाश चौधरी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा की देश के कृषि विज्ञान केन्द्र भारत को आत्मनिर्भर बनाने तथा किसान की समृद्धि के मुख्य केन्द्र बिंदु हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की आय और उत्पादन को बढ़ाने हेतु कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रयोगशालाओं में विकसित नई कृषि तकनीकों एवं उन्नत कृषि बीजों को किसान तक पहुंचाने एवं उनकी समस्याओं के समाधान में केवीके की महती भूमिका रही है। श्री चौधरी ने बताया कि डिजिटल टेक्नोलॉजी तथा ड्रोन तकनीक की उपयोगिता को देखते हुए इस प्रकार के अन्य नवीनतम तकनीक भाकृअनुप एवं इनके संस्थानों द्वारा किसानों को उपलब्ध कराई जा रही है।

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इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि चित्तौड़ गढ़ के सांसद, श्री सी.पी. जोशी ने आशा व्यक्त की कि वल्लभनगर का यह कृषि विज्ञान केन्द्र पशुपालन के क्षेत्र में एक मॉडल केवीके बनने की क्षमता को प्रतिष्ठापित करेगा। उन्होंने इस अवसर पर चित्तौड़ के प्रगतिशील कृषक, श्री अरविंद का उल्लेख किया और अतिथियों ने उन्हें सम्मानित भी किया।

महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति, डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि भारत सरकार के प्रस्ताव पर, संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस वर्ष (2023) को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है जिसके तहत देश में विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों एवं कृषि अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम बनाए जा रहे हैं। इस अवसर पर अतिथियों ने पोषक अनाज पर एक विशेष कैलेंडर का भी विमोचन किया।

प्रसार शिक्षा निदेशक, डॉ आर.ए. कौशिक ने बताया कि केवीके खेती व्यवसाय को रोजगारोन्मुखी एवं आर्थिक रूप से लाभकारी एवं सम्बल प्रदान करने वाले व्यवसाय के रूप में विकसित करने में अपना अहम योगदान दे रहा है। उन्होने बताया कि इस अवसर पर केवीके परिसर में नवीनतम कृषि तकनीको एवं प्रसंस्कृत उत्पादों, उन्नत पशुओं एवं प्रजातियां तथा पोषक अनाज के उत्पादन तकनीकों एवं विभिन्न कृषि यंत्रों इत्यादि की एक विशाल कृषि प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा, जिससे तकनीकी ज्ञान के प्रति किसान जागरूक हो।

केवीके के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी, डॉ. आर.एल. सोनी ने बताया की कार्यक्रम को, डॉ. उधम सिंह गौतम, उप-महानिदेशक (कृषि प्रसार), भाकृअनुप, नई दिल्ली ने भी विशिष्ठ अतिथि के रुप में संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक, अटारी जोधपुर, स्वामी अभय दास जी, श्री हिम्मत सिंह झाला, डॉ. बी.आर. चौधरी, श्री डली चांद डांगी, प्रधान, वल्लभनगर तथा विश्वविध्यालय के प्रबंध मंडल सदस्य, वरिष्ट अधिकारी, निदेशक, अधिष्ठता, कृषि वैज्ञानिक एवं किसान भाइयों एवं बहनों की गरिमामयी उपस्थिति रहीl

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा राजस्थान खेती पर ‘प्रताप’ के जनवरी अंक तथा विभिन्न फोल्डर्स का विमोचन भी किया गया।

यहां, पंडाल में भी लगभग 2500 कृषक एवं अतिथि उपस्थिति थे।

(स्रोतः महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर)